मेरे प्यारे दोस्तों आज मै आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो आप जानकर हो जाएंगे खुश। यदि आपके घर में कोई नवजात शिशु हो और वह अधिक रोता हो तो इसकी वजह उसके शरीर में कोई तकलीफ होती है जिसके कारण वह रोता है। बच्चे के पेट में गैस की तकलीफ या प्यास की बात आती है तो वह रोता है। इसके लिए ब्रिटेन के एक डॉक्टर विलियम वुडवर्ड ने एक ग्राइप वाटर का निर्माण किया जो बच्चों के लिए एकदम फायदेमंद है। आज माताओं की एक भरोसे का रूप ले चुका है। हालांकि कुछ साल पहले ग्राइप वाटर में एल्कोहल रहने के कारण वह नुकसान करता था पर अब एल्कोहल की मात्रा नहीं होती है जिसके कारण अब वह नुकसानदेह नहीं है। यह सोडियम बाइकार्बोनेट और जड़ी - बूटी से मिलाकर बनाया जाता है। जब शिशु माँ का दूध पीता है तो उसके पेट में गैस बन जाता है और उसी को बाहर निकालने के लिए उसे ग्राइप वाटर पिलाया जाता है।
चलिए अब जानते है ग्राइप वाटर के फायदे के बारे में अर्थात कहाँ - कहाँ उपयोग होता है।
नवजात शिशु आहार के लिए सिर्फ अपनी माँ के दूध पर निर्भर रहता है और वह उसके अलावे कुछ आहार नहीं लेता है इसी कारण से उसके पेट में गैस बन जाता है और उसी को बाहर निकालने के लिए ग्राइप वाटर का प्रयोग करते है। पेट में गैस रहने के कारण दर्द होने लगता था इसी कारण बच्चा रोने लगता था। जब गैस बाहर निकल जाता है तो बच्चा चुप हो जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे को हिचकियाँ बराबर आती रहती है और बहुत सारे का कहना है कि हिचकियाँ ज्यादा आने से पेट फूलने लगता है जिसके कारण बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। अतः उसके हिचकियों को बंद करने के लिए ग्राइप वाटर का इस्तेमाल किया जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे के शरीर में गर्मी के मौसम में पानी की कमी हो जाती है। अतः उनके शरीर में पानी की कमी से कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए उन्हें ग्राइप वाटर दिया जाता है जिससे वह उसके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और उसे स्वस्थ रखता है। ऐसा देखा जाता है कि जब बच्चे अपनी मां का दूध पीता है और दूध पीने के बाद उसका मुँह और गला सूखने लगता है इसिलए उसे ग्राइप वाटर दिया जाता है ताकि वह अपनी प्यास बुझा सके।
आप जानते है कि नवजात शिशु लगभग छः महीने अपनी मां का दूध पीता है क्योंकि वह बाहर के दूध से हल्की और अधिक फायदेमंद होती है जो बच्चों के लिए उपयुक्त है। लेकिन जब बच्चे को दाँत आता है तो दर्द के कारण रोने लगता है और उसे दस्त भी होता है। इसलिए इसके दाँत के दर्द को रोकने के लिए और दस्त के होने से पानी की कमी को पूरा करने के लिए ग्राइप वाटर दिया जाता है ताकि बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहें।
प्यारे दोस्तों अगर हमारी बात आपकी बच्चे की सुरक्षा के लिए अच्छी लगी तो हमें फॉलो करने का कष्ट करें और फॉलो करने के बाद हमसे आप अच्छी - अच्छी जानकारियां हासिल करें। फिर मैं एक नई बात हेल्थ से सम्बंधित आपके सामने पेश करूँगा तब तक मेरे तरफ से आपको धन्यवाद।
चलिए अब जानते है ग्राइप वाटर के फायदे के बारे में अर्थात कहाँ - कहाँ उपयोग होता है।
- गैस की समस्या से राहत -
नवजात शिशु आहार के लिए सिर्फ अपनी माँ के दूध पर निर्भर रहता है और वह उसके अलावे कुछ आहार नहीं लेता है इसी कारण से उसके पेट में गैस बन जाता है और उसी को बाहर निकालने के लिए ग्राइप वाटर का प्रयोग करते है। पेट में गैस रहने के कारण दर्द होने लगता था इसी कारण बच्चा रोने लगता था। जब गैस बाहर निकल जाता है तो बच्चा चुप हो जाता है।
- हिचकी से राहत -
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे को हिचकियाँ बराबर आती रहती है और बहुत सारे का कहना है कि हिचकियाँ ज्यादा आने से पेट फूलने लगता है जिसके कारण बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। अतः उसके हिचकियों को बंद करने के लिए ग्राइप वाटर का इस्तेमाल किया जाता है।
- डिहाइड्रेशन से बचाव -
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे के शरीर में गर्मी के मौसम में पानी की कमी हो जाती है। अतः उनके शरीर में पानी की कमी से कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए उन्हें ग्राइप वाटर दिया जाता है जिससे वह उसके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और उसे स्वस्थ रखता है। ऐसा देखा जाता है कि जब बच्चे अपनी मां का दूध पीता है और दूध पीने के बाद उसका मुँह और गला सूखने लगता है इसिलए उसे ग्राइप वाटर दिया जाता है ताकि वह अपनी प्यास बुझा सके।
- दाँत दर्द से छुटकारा -
आप जानते है कि नवजात शिशु लगभग छः महीने अपनी मां का दूध पीता है क्योंकि वह बाहर के दूध से हल्की और अधिक फायदेमंद होती है जो बच्चों के लिए उपयुक्त है। लेकिन जब बच्चे को दाँत आता है तो दर्द के कारण रोने लगता है और उसे दस्त भी होता है। इसलिए इसके दाँत के दर्द को रोकने के लिए और दस्त के होने से पानी की कमी को पूरा करने के लिए ग्राइप वाटर दिया जाता है ताकि बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहें।
प्यारे दोस्तों अगर हमारी बात आपकी बच्चे की सुरक्षा के लिए अच्छी लगी तो हमें फॉलो करने का कष्ट करें और फॉलो करने के बाद हमसे आप अच्छी - अच्छी जानकारियां हासिल करें। फिर मैं एक नई बात हेल्थ से सम्बंधित आपके सामने पेश करूँगा तब तक मेरे तरफ से आपको धन्यवाद।
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